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अनुभव प्रमाण पत्र और विशेष पुलिस अधिकारी संबंधित कार्य एक ही समय पर आ जाने के कारण अतिथि शिक्षकों को भारी चिंता कही एक तरफ नुकसान न हो जाए पी डी खैरवार

मंडला अनुभव प्रमाण पत्र के लिए हद से ज्यादा परेशान किए जा रहे हैं अतिथि शिक्षक

मंडला अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिले हजारों अतिथि शिक्षक प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण हद से ज्यादा परेशान किए जा रहे हैं ऐसी जानकारी जिले भर के अतिथि शिक्षकों की ओर से लगातार मिल रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अध्यक्ष अतिथि शिक्षक परिवार पी डी खैरवार ने विज्ञप्ति में बताया है की जिले लगभग 4000 से अधिक अतिथि शिक्षक है जिनको अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रशानिक अव्यवथाओं के चलते हद से ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है बता दें लगभग एक महीने पहले से अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र तैयार कराए जाने के साथ साथ चुनाव में विशेष पुलिस अधिकारी बनाए जाने शासन स्तर से आदेश आए हुए हैं ये दोनो कम अतिथि शिक्षकों के सिर पर एक ही समय आ गए हैं जिससे अतिथि शिक्षकों पर तिरहा संकट आन पड़ा है अनुभव प्रमाण पत्र के लिए संबंधित विद्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कार्यालय एवं शिक्षा अधिकारी कार्यालय आदि का चक्कर बार बार कटने मजबूर होना पड़ा रहा है वहीं विशेष पुलिस अधिकारी की ट्रेनिंग और डाक मतदान करने दो दो बार जिला मुख्यालय आना पद रहा है जिसके लिए कोई मानदेय आदि की सुविधा भी नही दी जा रही है अनुभव प्रमाण पत्र के लिए स्कूल से लेकर जिला कार्यालयों में बैठे कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा तो अतिथि शिक्षकों से बदसलूखी किए जाने की भी खबर है तो कुछ जगह लेट लतीफी कर बार बार बुलाए जाकर परेशान करने की अतिथि शिक्षकों ने यह भी बताया है की अनुभव प्रमाण पत्र कार्य के लिए उनको इन कार्यालयों के दर्जनों चक्कर काटने पड़ रहे हैं बावजूद इसके उनका अनुभव प्रमाण पत्र आसानी से नहीं बन पा रहे है जिले भर में औसतन पचास फीसदी अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र अंतिम तिथि तक नहीं बन पा रही है जिसके कारण अतिथि शिक्षकों का मानसिक आर्थिक ही नहीं व्यावहारिक संतुलन भी बिगड़ता जा रहा है इस खबर के माध्यम से जिला प्रशासन से मांग की गई है की अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र विधिवत रूप से बिना अतिथि शिक्षकों को परेशान कराए तैयार कराए जाना चाहिए की अतिथि शिक्षकों का अनुभव प्रमाण पत्र विद्यालय संकुल आदि के कार्यालय में संधारित दस्तावेजों के आधार पर ही तैयार हो जाए अतिथि शिक्षकों को जानकारी संकलित करने या संबंधित के हस्ताक्षर कराने कार्यालय के चक्कर लगाने ना पड़े  बैसे भी अतिथि शिक्षकों कोकम मानदेय मिलने के कारण इस तरह के अनावश्यक खर्चे बड़े मंहगे पड़ते हैं अभी  भी कार्यरत अतिथि शिक्षकों का मानदेय मार्च से नही दिया गया है जिन अतिथि शिक्षकों को काम से बाहर कर दिया गया है उनका भी अनुभव प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं इनके साथ तो दोहरी समस्या चल रही है साथ ही अतिथि शिक्षकों की ओर से ऐसी शिकायत अब बार बार न करना पड़े प्रशासन ऐसी कोई व्यवस्था बनाए

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